उसका बाप मराभाई मराबहन मरीमां मर गईसब मर गएतन्हा - तन्हा था खुदइक बेवफ़ा से मोहब्बत कीअब वो भी मर रहा हैअरे न पूछो उसकाहाल - ए - दिल 'अवनीश'वो जाने किस हाल से गुज़र रहा हैजब से ज़हर खाके बचा उसके गम मेंरफ़्ता - रफ़्ता मोहब्बत का नशा उतर रहा...
गुरुवार, 23 सितंबर 2021
शनिवार, 7 अगस्त 2021
बगावत करते - करते नज़्म । अवनीश कुमार मिश्रा
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:06 am with No comments
जब मैं अकेला होता हूं तो सोचता हूं की कितनी नफ़रत हो गई है खुद से, किसी से बेपनाह मोहब्बत करते - करते दीवाना बनाकर गया वो शख्स मुझेथक गया हूं मैं बगावत करते - करते उसकी मज़बूरी थी या मर्ज़ीबिछड़कर तबाह मैं ही हुआ हूंमेरे अश्कों की कीमत कोहिनूर जितनीटके के भाव भी कदर न की उसनेअय्याशों के मोहब्बत मुकम्मल हो गएआशिक! गुमराह मैं ही हुआ हूंतुम्हारी जुदाई में अगर मैं मर जाऊंतो ये अपनी...
रविवार, 13 जून 2021
i love you | English Poem | Avaneesh Kumar Mishra Mohabbat
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:18 am with 1 comment
i love youI miss youmeet me somedayi want to kiss youwhy do you feel afraid of fatherLooks like a villain's daughterWhen you live with familyWhy do you close your heart's shutter?when will you give me kissand how much is the feeswhen will my wish come trueAlways think Avaneesh&nb...
मोदी देश के लिए तू तो हानिकारक है । पैरोडी । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:16 am with No comments
मोदी देश के लिए तू तो हानिकारक हैहानिकारक है रे मोदी हानिकारक हैतुझसे अच्छा तो अपना पप्पू नालायक है।मोदी देश के लिए तू तो हानिकारक हैअवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्...
गुरुवार, 14 जनवरी 2021
मेरी जान इतना मत सताया करो
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:22 am with No comments
मेरी जान इतना मत सताया करोजहां पर बुलाऊं , आ जाया करोअंधेरा काटने लगता है तेरे बिन मुझेबगल में आकर ही दिया बुताया करोतेरी गलियों में चक्कर लगाता रहता हूं मैंदीदार के वास्ते दरीचों के पर्दे उठाया करोअब तो तुम भी नक़ाब में और मैं भी नक़ाब मेंचेहरे को छोड़ो आंखो से दिल में उतर आया करोगुजरता हूं तेरी गलियों से तो दिखती ही नहींनीचे नहीं, कपड़े छत पर सुखाया करोमैं तेरे क़रीब आऊं तो डर मत मोहब्बत की बातें...
शुक्रवार, 8 जनवरी 2021
Ghazal
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:04 am with No comments
मोहब्बत करने वालों की इक पोल खोलें साहबजिस्म लूटने के बाद लोग कपड़े पहनाना भूल जाते ...
मंगलवार, 5 जनवरी 2021
Ghazal - समझ से बाहर हो ऐसा राज़ बनो । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Avaneesh Ki Ghazal, Shayari
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:49 am with No comments
समझ से बाहर हो ऐसा राज़ बनोहर कोई दीवाना हो जाए ऐसा साज़ बनोजब तलक धरती रहे हमारे मोहब्बत की दुहाई दे ज़मानामैं शाहजहां बनूं, तुम मेरी मुमताज़ बनोसियासत तो अमीरों के कोठे की तवायफ़ हैअहल-ए-सियासत हो तो मुफ़लिसों की आवाज़ बनोयूं तो उजाला दिये भी देते हैं मगर
सारा जहां रौशन हो वो आफ़ताब ब...
शुक्रवार, 1 जनवरी 2021
Ghazal - मयखाने चलो यारों - अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Maykhane Chale Yaron - Avaneesh Ki Ghazal, Shayari
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:35 pm with No comments
उन्हें छोड़कर किस तरह से जिएंगेमयखाने चलो यारों, हम भी पिए...
Ghazal - मुझे रुलाओ ना - अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Mujhe Rulao Na - Avaneesh Ki Ghazal, Shayari
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:33 pm with No comments
मुझे रुलाओ ना, सावन का बादल हो जाऊंगामत हसाओ इतना मुझे, पागल हो जाऊ...
Ghazal - मरीज़ - ए - इश्क़ हूं - अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Mareez - E - Ishq Hun ।
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:30 pm with No comments
मरीज़ - ए - इश्क़ हूं, ठीक हो जाऊं दुआ दोहकीम आप हो, मन करे दवा दो या गला दबा...
Ghazal - ज़माना शोर करता है तो शोर करने दो । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' Zamana Shor Karta Hai Shor Karne Do । Avaneesh Ki Ghazal
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:21 pm with No comments
ज़माना शोर करता है तो शोर करने दोमोहब्बत कर रहां हूं, थोड़ा और करने दोसर्दी की अंधेरी रात में भी आपको, चाहत हमारी खींच लाई है आके गले मिलो, शीत पड़ रही है तो पड़ने दोकितना ख़ुदग़र्ज़ हो गया है ये जमाना, जेहन में ये है किकिसी का घर उजड़ता है तो उजड़ने दोकोई किसी का अपना नहीं है इस जहां मेंलोग बिछड़ना चाहते हैं, तो बिछड़ने दोअगर है हौंसला तो जहां को घूम लेंगे हमजलने वाले पर कुतरते हैं, तो कुतरने...
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