मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

वो दुल्हन सी शर्माती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं | Hindi , Urdu Gazal , Shayari | By Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:05 am with No comments
उसको इक पल ना देखूं तो उड़ा - उड़ा सा रहता हूं
ख़्वाब भी देखूं उसका तो उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

उसकी यादें मेरे दिल पर , इस क़दर छा जाती है
मैं ज़मीं पे बैठा रहता हूं , पर उड़ा - उड़ा सा रहता हूं 

मैं उस राह पर बैठा रहता हूं , जिस राह से वो जाती है
जिस रोज़ नहीं वो जाती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

उसकी भोली सूरत मुझको , रात - रात तड़पाती है 
दिल, दिल को समझाता है , पर उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

मैं रोता रहता हूं , मुझको नींद नहीं आती है
किसी तरह से आती है , पर उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

उसकी आंखो से आंखे मेरी , जब कभी लड़ जाती है
वो दुल्हन सी शर्माती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

सुबह देर को उठता था , अब आंखे जल्दी खुल जाती है
वो कहीं नज़र नई आती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

जिस दिन वो तिरछी नज़रों से , मुझे घूर कर जाती है
सांस वहीं थम जाती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

उसकी मुस्कान में जादू है जो मुझको ख़ुश कर जाती है
जब देख के वो मुस्काती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

वो नदी किनारे की छोरी , ये चंद दूर का छोरा है
वो नदी किनारे मिलती नई , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

उसके गांव को जाता हूं , जब दिल जोर धड़कने लगता है
कहीं नहीं वो दिखती है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

याद करो "अवनीश" राह में तुम्हें सताया करते थे 
वो बख़त बहुत तड़पाता है , मैं उड़ा - उड़ा सा रहता हूं

सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

मेरी वाली की परीक्षा है | New Gazal , Shayari | Sad Shayari By Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:49 am with No comments
इश्क से बढ़कर उसके लिए शिक्षा है
प्यार करे या ना करे ये उसकी इच्छा है

मोहब्बत की बात की तो डाट दी
यार मेरी वाली की परीक्षा है 

"अवनीश" भी पढ़ते हैं , मेरी जान - ए - जाँ
ये मत समझो की मुझमें अशिक्षा है

मैं तेरे दर पर भिखारी बनके आया हूं "***"
एक नज़र देख लो , ये भी भिक्षा है

रविवार, 9 फ़रवरी 2020

Hindi , Urdu Ghazal - Shayari । ज़िन्दगी बहुत लम्बी है , हमें ज़हर नहीं खाना है । Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:51 am with No comments
मुझे अभी बहुत दूर तक जाना है
मैं हूं क्या ये सारी दुनिया को दिखाना है


इन दर्दों की औकात नहीं जो मेरे हौसले डिगा दे

ज़िन्दगी बहुत लम्बी है , हमें ज़हर नहीं खाना है

इतना कहा फिर भी नहीं समझा
अब हमें उनको कुछ नहीं समझाना है

बहुत सजाए ख़्वाब उनके साथ रहने का
अब हमें अपनी अर्थी नहीं सजाना है

हमने ही हर बार उनसे प्यार जताया
अब हमें उनसे प्यार नहीं जताना है

अवनीश कितना प्यार करते हैं , अगर उन्हें नहीं मालूम
तो प्यार कितना है उनसे नहीं बताना है