मंगलवार, 2 जुलाई 2019

शायरी

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:28 am with No comments
किसी से बेपनाह मोहब्बत करने का जुनून भी देखा है मैंने
किसी के प्यार में पागल हो जाने का सुरूर भी देखा है मैंने 
पता नहीं क्यों लोग नहीं पहचान पाते हैं , बेवफाओं को 
ठुकराए जाने के बाद फूट - फूटकर रोते हुए देखा है मैंने