गुरुवार, 23 सितंबर 2021

रफ़्ता - रफ़्ता मोहब्बत का नशा उतर रहा है । नज़्म । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:30 pm with No comments
उसका बाप मरा
भाई मरा
बहन मरी
मां मर गई
सब मर गए
तन्हा - तन्हा था खुद
इक बेवफ़ा से मोहब्बत की
अब वो भी मर रहा है
अरे न पूछो उसका
हाल - ए - दिल 'अवनीश'
वो जाने किस हाल से गुज़र रहा है
जब से ज़हर खाके बचा उसके गम में
रफ़्ता - रफ़्ता मोहब्बत का नशा उतर रहा है