वो कौन है जो इस कदर प्यार कर रहा है
वो कौन है जो करोंड़ो की मदद कर रहा है
वो कौन है जो दूसरों के लिए लड़ रहा है
वो कौन है जिससे शत्रु ड़र रहा है
वो कौन है जिससे वतन सँवर रहा है |
वो हमारे देश का सहारा है
वो वतन का सितारा है
वो गिरि का सहारा है
वो वतन का दुलारा है
वह चन्दा है
वह तारा है
वह वतन का रक्षक है
सभी से न्यारा है
सभी का प्यारा है||
हम अपने पाठको की सुविधा के लिए अपनी रचनाओं का
व्याख्या (अर्थ ) भी प्रस्तुत कर रहे हैं | जरूर पढ़ें |
प्रस्तुत कविता में कवि सैनिक के वीरता के बारे में कह
रहा है कि वो कौन सा व्यक्ति है
जो अपने हिन्दुस्तान से इतना प्यार कर रहा है
और वह करोड़ों लोगों की सहायता कर रहा है |
वो कौन सा व्यक्ति है जो दूसरों के लिए लड़ रहा है |
कहने का मतलब यह है कि आज के समय में दूसरों की
मदद कोई नहीं करता फिर भी वह दूसरों की मदद कर
रहा है |
ये इतना निर्भीक वीर कौन है जिससे दुश्मन भी
दूर रहने में ही भलाई समझते हैं |
ये कौन सा वीर है जिससे हमारा देश इतना सँवर रहा है |
कवि कहता है कि वो तो हमारे देश का सहारा यानि इसके
बिना देश का भला नहीं हो सकता है |
अरे ये वीर तो हमारे लिए सितारा जैसा ही है |
उसी प्रकार जिस प्रकार आकाश में तारा चमकता है |
ये वीर तो हमारे पर्वत की लाज बचाने वाला है |
क्योंकि हमारे देश की पर्वत से आजतक कोई टक्कर नहीं
ले सका |
इसीलिए तो वह हमारे देश का दुलारा है |
क्योंकि दुलारा वही होता है |
जो अपने देश के सब कुछ न्यौछावर कर देने की ताकत
रखता है |
कवि अपने वीरों की प्रशंसा करते हुए कहता है
कि वो तो हमारे देश के लिए चन्द्रमा और तारा के समान है |
वह अपने देश का रक्षक है ,
इसीलिए वह सभी से न्यारा है |
और सब उसे प्यार करते हैं कहने का मतलब यह है
कि अपने देश की रक्षा करने वाले इन सैनिकों को देश का
हर वासी प्यार करता है और सभी से न्यारा है |