रविवार, 29 दिसंबर 2019

Happy New Year Shayari | Romantic Shayari | Shayari With Video | Gift Lai Ho To Sar Par Rakh Do Na | Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:27 am with No comments
  -:-गिफ्ट लाई हो तो सर पर रख दो ना-:-

हमारे बिना रह सकते हो तो रह लो ना
अरे जो अच्छा लगे कर लो ना

क्या नए साल पर प्यार आया है मुझ पर
गिफ्ट लाई हो तो सर पर रख दो ना

नाटक क्यों कर रही हो मन को दबाके
प्यार करना ही है तो बाहों में भर लो ना

ये मुस्कुराओ ना ज्यादा शर्माओ ना
जो कुछ करना है आज ही कर लो ना

अच्छा "अवनीश" ने तुमको टाइम दिया
जाके अच्छे से सज़ के संवर लो ना


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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

Happy New Year Shayari - Kya Main Hi Tere Mohabbat Ka Gunhagar Hoon | Romantic Shayari By Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:01 am with No comments
मैं बेक़रार हूं अपना दिल भी बेक़रार करती जा
छोटा है मगर उपहार तो लेती जा

मैं तुम्हारे चेहरे को ख़यालो में संजोए रखता हूं हरदम
तू पलट कर मेरा दीदार तो करती जा

मैं जानता हूं कि तुम्हारे चाहने वाले बहुत हैं मगर
एक बार हमारी आंखों से तकरार तो करती जा

क्या मैं ही तेरी मोहब्बत का गुनहगार हूं
और कौन - कौन है बखान तो करती जा

जा - जा चली जा तू अवनीश के नज़रों के सामने से
पर जो - जो बोला है उसका जवाब तो देती जा

रविवार, 22 दिसंबर 2019

तुम्हें इश्क़ का बुखार है क्या | नज़्म । Tumhe Ishk Ka Bukhar Hai kya | Avaneesh Kumar Mishra Mohabbat

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:40 am with No comments
इतनी रात को आए हो कुछ काम है क्या
बुझे - बुझे से लगते हो ज़ुकाम है क्या
ये सर्दी , ज़ुकाम , खांसी सब कहने की बात है
सच! बोलो , तुम्हे इश्क़ का बुखार है क्या

क्यों बोला नहीं जा रहा

किसी ने कस के जकड़ा है क्या
यार हमने तो सिर्फ आपका हाथ पकड़ा है
हाथ भी छुड़ा रही हो और जा भी नहीं रही हो
यार कुछ लफड़ा है क्या

आंखों से लगता है तेरा भी मन कर रहा है

अरे पिछड़ रही हो क्या
अभी छोटी हो इश्क के खेल में
डर रही हो क्या
ये अवनीश हैं जो संभाल रहे हैं खुद को
नखरा वाली झिझक रही हो क्या

रविवार, 24 नवंबर 2019

Hindi Kavita | Han Main Hi Nalayak Tha | Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:51 pm with No comments
दुनिया वालों ने छोड़ा मुझको
गुस्सा उनका जायज था
हां मैं ही नालायक था

मेरी धड़कन सांसों को
कोई नहीं समझ पाया
करके मोहब्बत हमने
क्या खोया और क्या पाया
ओ हाई फाई लड़की थी मैं तो देशी ब्वॉयज था

हां मैं ही नालायक था -2

हम सुंदरियों के चक्कर में
अपनों को भी भूल गए
खून का रिश्ता क्या होता है
रिश्तों को भी भूल गए
हां सबने भूला मुझको मैं तो इसी के लायक था

हां मैं ही नालायक था -2

हां पागल हूं मैं
बस यही पहचान है मेरी
ओ दुनिया वालों मरता हूं मैं
क्योंकि वही जान है मेरी
दिल का सच्चा था मैं तो रोना मेरा जायज था

हां मैं ही नालायक था -2

हां मैं काला कुरूप था
वो विश्व सुन्दरी जैसी थी
पर जैसा भी था मैं
मां मुझे हैंडसम कहती थी
अवनीश के पास नहीं था पैसा  फिर भी दिल ये रॉयल था

हां मैं ही नालायक था -2

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

Khesari Lal Yadav Per Song | BiggBoss Me Khesari | Salman Bhi Fan Ho Gaye Lyrics | Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:27 am with No comments
बिग बॉस में गए खेसारी
ऐसी एंट्री मारी
कि सलमान भी फैन हो गए
हीरो सब बेचैन हो गए

मेरा खेसारी
पड़ गया सबपे भारी

You Are Great Person Of India

मेरा खेसारी
पड़ गया सबपे भारी

घर में जाके उसने ऐसे , ऐसे ठुमके मारी
कि सलमान भी फैन हो गए
हीरो सब बेचैन हो गए

खेसारी जैसा देश में नगीना नहीं है
जितना फेमस हैं ये , करीना नहीं हैं |

फैन बहुत हैं
सलमान ने भी ये मानी

You Are Most Popular Singer Of India

फैन बहुत हैं
सलमान ने भी ये मानी

भोजीवुड भी पड़ गया है बॉलीवुड पे भारी
कि सलमान भी फैन हो गए
हीरो सब बेचैन हो गए

सोमवार, 4 नवंबर 2019

New Sad Shayari | दर्द भरी शायरी | वो आलीशान मकां किसका है - अवनीश कुमार मिश्रा

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 9:40 am with No comments

तू है क्या यार तू मुझे रास्ता बताती है
अरे ये वही रास्ता है जहां मेरी सुबह -  शाम  होती थी

अब बस करना यार और कितना झूठ बोलोगे
हम से कहती हो की किसी और से तो नहीं बोलोगे

सब जानकर तू क्यों अंजान बनती है पगली
ये वही जगह है जहां तेरी - मेरी मुलाक़ात होती थी

इतने दिनों में बड़े किस्से सुने हैं तेरे
सुना है अब बेवफा हो गई हो

मेरे दोस्त कहते हैं कि तू गरीब है
तो ये बता कि जिस छत से तू अवनीश को देखती थी वो आलीशान मकां किसका है |

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मंगलवार, 10 सितंबर 2019

New Sad Shayari "Na Radha Aur Shayam Hain" By Avaneesh Kumar Mishra (Writer , Poet)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 3:53 am with No comments
काहे की खुशी
जब हमारी जिंदगी ही गुमनाम है ,
कुछ ऐसे जी रहा हूँ ,
जैसे राधा बिन श्याम हैं |
न हम प्रेम की गलियों में बदनाम हैं
न राधा और श्याम हैं ,
हम तो इक सताये हुए हैं ,
हमारा तो प्यार भी गुमनाम है |
पता नहीं वो डरती थी या मैं डरता था
वो प्यार करती थी या नहीं,
पर अवनीश प्यार करता था |

मंगलवार, 2 जुलाई 2019

शायरी

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:28 am with No comments
किसी से बेपनाह मोहब्बत करने का जुनून भी देखा है मैंने
किसी के प्यार में पागल हो जाने का सुरूर भी देखा है मैंने 
पता नहीं क्यों लोग नहीं पहचान पाते हैं , बेवफाओं को 
ठुकराए जाने के बाद फूट - फूटकर रोते हुए देखा है मैंने 

रविवार, 10 फ़रवरी 2019

जिसे दिल से चाहा वो तो पत्थर दिल निकली | शायरी | New Hindi , Urdu Shayari | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:03 am with No comments

उसे जब - जब देखता हूँ
बस इक आह निकलती है ,
कि वो हमारी क्यों न हुई |

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पर अब सोंचने से क्या फायदा
शायद हमें ही न था ,
प्यार करने का कायदा |

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हम उन्हें पसंद न थे या वो डरती थी
पता नहीं क्यों वो मुझसे ,
मोहब्बत न करती थी |

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अब किसे इश्क की पड़ी है
जिसे दिल से चाहा वो ,
तो पत्थर दिल निकली |

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दिल ही था , वो भी बिखर गया
अवनीश के सामने अब ,
मौत भी खड़ी है |

सोमवार, 28 जनवरी 2019

कैसे सहेंगे जुदाई रे | दर्द भरा हिन्दी गाना | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:49 pm with No comments

मेरे दिल पे छूरी चलाके भाग गई हरजाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे

जिस सूरत को देख - देखकर
मन में लड्डू फूटे थे
जिसकी सुन्दर सूरत ने
दिल को मेरे लूटे थे
उस बेवफा ने आज खून की आंसू रुलाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे

मुझे तड़पाने की तमन्ना उनके अंदर थी -2
क्योंकि , क्योंकि मेरी जवानी उनके दिल में सरेंडर थी |

जिनकी खुशबू में रहे महकते
वो तो इक हरजाई थी
मेरे सपनों की हत्या कर दी
वो तो इक कसाई थी
जीते जी अवनीश की तूने कब्र खुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे