बुधवार, 20 जून 2018

दिल जला तो आँसू निकल आयेंगे (शायरी) - Avaneesh kumar mishra (writer,poet)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:54 am with No comments

मुझे अपनी जिन्दगी से दूर कर दो
पर इतना मत दूर कर दो कि हमारी जिन्दगी यूँ ही सुनसान गुजर जाये 
अपने दिल से हमें दूर कर दो
पर इतना मत दूर कर दो कि दिल टूटकर बिखर जाये

हमारी जिन्दगी यूँ ही सुनसान कर दो तुम
दिल में हमारे आग लग जायेगी
हमारे दिल के आगों से
तुम्हारा प्यार दिल से जल जायेगी

दिल जला तो आँसू निकल आयेंगे
तेरे दिल में खुशी खूब भर जायेगी
किसीे और से दिल लगा लेगी तुम
अवनीश को याद फिर आयेगी

गुरुवार, 7 जून 2018

जिन्दगी में जिसने हमें हँसना सिखाया था(शायरी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:54 am with No comments

उसके चरणों की आहट ने हमें बेकरार कर डाला
सारा जीवन ही उसके लिए हमने बर्बाद कर डाला
वो आयी जिन्दगी में तो सपने खूब देखें हम
हमारी चाहतों का उसी ने खून कर डाला

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चाहतें थी जुदाई की मगर हम बेखबर ही थे
धार ऐसी थी कि इश्क से महरूम कर डाला
हमारी झुकी निगाहों पे भी उसको शर्म न आयी
हँसी भरी जिन्दगी को उसने सून कर डाला 

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जिन्दगी में जिसने हमें हँसना सिखाया था
बेवफा ने उसी से हमको दूर कर डाला
बस नफरत ही भरी थी दिल में उसके
अवनीश के चाहने वालों का भी उसने खून कर डाला

मंगलवार, 5 जून 2018

काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:13 am with No comments

कशमकश करा ता हमरो जवनिया
कोई न टाँका भिड़ावै हो -2
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

जब से तू गईला तबसे न अईला
तड़पेली मोर जवानी हो
रोजे देखेली तोहरे सपनवा
भईल जवानी मोर पानी हो -2
तोहरे वियोग में ऐ हो बलमुआ कुछू न हमका भावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

तोहरे यदवा में ऐ मोरे राजा
नीक न लागे खनवा हो
अब तो चले आवा ये मोरे रजऊ
ले लेबा का पिया जनवा हो -2
भूखे - प्यासे मा भइली हम आधा कोई दवाई न लावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

राइटर अवनीश से कैसे कही
राजा के हमरे बुलाला हो
कहे - - - कि हमरा के अब
कुछू नाही बुझाला हो -2
तोहरा गईला के बाद ये रजऊ देवरा बहुत सतावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2


गीतकार - अवनीश कुमार मिश्रा