रविवार, 28 अगस्त 2016

अवारा हो गया (शायरी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:04 am with No comments

तेरी यादों के बिस्तर पर मैं , सो गया ,

तेरी बिस्तर के खुशबू में , मैं खो गया |

मगर तुमने मुझसे घृणा की इस कदर ,

मैं तेरी बेवफाई में अवारा हो गया ||
       

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