बेवफा ये तूने क्या किया(शायरी) Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:14 am with No comments बेदर्द था मैं , उसने दर्द दे दिया जब तक दर्द सह सका , तब तक सह लिया | इक दिन जब दर्द ने , मारा तेज ठोकर मुख से यकायक निकल पड़ा , बेवफा ये तूने क्या किया || इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करें Categories: "दर्दीला इश्क" पुस्तक
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