रविवार, 10 फ़रवरी 2019

जिसे दिल से चाहा वो तो पत्थर दिल निकली | शायरी | New Hindi , Urdu Shayari | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:03 am with No comments

उसे जब - जब देखता हूँ
बस इक आह निकलती है ,
कि वो हमारी क्यों न हुई |

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पर अब सोंचने से क्या फायदा
शायद हमें ही न था ,
प्यार करने का कायदा |

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हम उन्हें पसंद न थे या वो डरती थी
पता नहीं क्यों वो मुझसे ,
मोहब्बत न करती थी |

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अब किसे इश्क की पड़ी है
जिसे दिल से चाहा वो ,
तो पत्थर दिल निकली |

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दिल ही था , वो भी बिखर गया
अवनीश के सामने अब ,
मौत भी खड़ी है |