शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

हम अभी तक जिन्दा हैं (कविता)"ये वतन"पुस्तक

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:06 am with 1 comment
क्या आतंकवाद क्या जातिवाद

क्या हिन्दू ,मुस्लिम दंगा है

इन तीनों को तोड़ फेकने के लिए अभी तक जिन्दा हैं

मुम्बई बहुत झेल चुका

अब अत्याचार मिटाना है

जनता और सरकार सभी मिलकर

आतंकवाद भगाना है

कश्मीर ,पंजाब तो सहन कर चुका

दहशत में बंगा है

इन तीनों को तोड़ फेकने के लिए अभी तक जिन्दा हैं |

ब्रहमण,क्षत्रिय,वैश्य,सूद्र को साथ-साथ रहना है

तू हिन्दू है तू मुस्लिम है

जाति-धर्म नहीं कहना है

जाति-धर्म की बात कर रहे

जो फहरा रहे वो तिरंगा है

इन तीनो को तोड़ फेकने के लिए अभी तक जिन्दा हैं ||
 

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