शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

लहू बहा देंगे(कविता)"ये वतन"पुस्तक

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 1:56 am with 1 comment
वीर जवाँ हूँ इसी देश का

इस देश को न झुकने देंगे

लेकर हाँथों में खड़ग

सर काटेंगे कटवा भी लेंगे

कट जाऐंगे सर फिर भी आखिरी तक लड़ते रहेंगे

हम अपने वतन के खातिर अपना लहू बहा देंगे |

हम अपने वतन के खातिर अपना लहू बहा देंगे |

भारत वासी हैं हम सब जन

गैर गुलामी नहीं सहेंगे

बर्छी और भाले लेकर

हम बिना खड़ेदे नहीं रहेंगे

गर नहीं खड़ेदे दुश्मन को तो दुनिया वाले कापुरुष 

कहेंगे

हम अपने वतन के खातिर अपना लहू बहा देंगे ||

हम अपने वतन के खातिर अपना लहू बहा देंगे ||


इस कविता का वीडियो

1 टिप्पणी: