शनिवार, 7 जुलाई 2018

तेरे ओठों की मुस्कान याद आती है (ग़ज़ल) - Avaneesh kumar mishra (writer, poet)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:00 am with No comments

तू जो कहती थी तेरी बात याद आती है
तेरे ओठों की मुस्कान याद आती है

तू जो कहती थी कि तू क्यूट बहुत है
तेरे मुख की वो जुबान याद आती है
तेरे ओठों की मुस्कान याद आती है

तू जो कहती थी तुमसे प्यार बहुत है
तेरे दिल की वो आवाज याद आती है
तेरे ओठों की मुस्कान याद आती है

तू जो कहती थी तुझे छोड़ के न जायेंगें
तेरे दिल में क्या अवनीश की याद आती हैं
तेरे ओठों की मुस्कान याद आती है