शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

तिरंगा फहराते(कविता)"ये वतन"पुस्तक

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:06 am with 1 comment
गर हम होतें आजादी में जाकर शत्रु से लड़ जाते

फिर चाहे जो हो जाता विजयी तिरंगा फहराते

हम लिए तिरंगा आगे बढ़ते ,

चाहे पर्वत भी टकरा जाते

लेकर शपथ निज वतन की ,

आगे-आगे बढ़ते जाते

चाहे सर कटते मेंरे ,

चाहे होश-हवाश उड़ते जाते

सच बोल रहा हूँ ये मित्रों ,

मृत्युलोक में भी जश्न मनाते

फिर चाहे जो हो जाता विजयी तिरंगा फहराते |

हम वीर सैन्य आगे बढ़तें ,

बर्छी,भाले भी सह जाते

गाकर गान अपने वतन का ,

इक गाथा हम लिख जाते

ये सब हम गर कर पाते ,

तो वीर जाँबाज जवान कहाते

फिर चाहे जो हो जाता विजयी तिरंगा फहराते ||


हम अपने पाठकों के सुविधा के लिए अपनी रचनाओं की
व्याख्या (अर्थ) भी प्रस्तुत कर रहें हैं जरूर पढ़ें
   
इस कविता के माध्यम् से कवि यह बताना चाह रहा है कि
अगर हम आजादी की लड़ाई में होते तो हम  शत्रुओं यानि

अंग्रेजों से जाकर के लड़ जाते और फिर कुछ भी हो जाता
लेकिन हम विजयी तिरंगा फहराते अर्थात जब देश
आजाद होता तो हम भी तिरंगा फहराते वह भी जीत 
वाला तिरंगा |
कवि  जीत  का तिरंगा लेकर आगे बढ़ने की बात कहता है
कि अगर वह तिरंगा लेकर पहाड़ों से भी टकरा जाते तो
भी तिरंगा नहीं गिरता | अर्थात आजादी के बाद भी अगर
कोई दुश्मन पहाड़ की तरह ही क्यों न  टकरा जाता तो भी
अपने तिरंगा की लाज नहीं जाने देता|
अपने देश की कसम खाकर अर्थात अपने देश की मिट्टी
की कसम खाकर आगे ही बढ़ते जाते |
चाहे हमारा सर ही क्यों न कट जाता और जान ही क्यों न
निकल जाती कहने का मतलब यह कि अगर दुश्मन के
हाथों हमारा सर कट जाता और मृत्यु हो जाती फिर भी
कोई गम नहीं रहता |

कवि कहता है कि ये सच बोल रहा हूँ हमारे चाहने वालों
कि मरने के बाद भी हिन्दुस्तानी तिरंगे से नाता नहीं  टूटता
अगर कहीं मृत्युलोक होता ( मृत्युलोक कभी देखा नहीं है
और फिर यह भी बात है मृत्युलोक है भी या नहीं ये केवल
कल्पना मात्र है कविता में जज्बा दिखाने के लिए ) तो वहाँ
भी आजादी का जश्न मनाते |
फिर चाहे जिस हद से
गुजरना पड़ता हम अपने देश हिन्दुस्तान की विजयी तिरंगा
फहराते |
कवि फिर कहता है कि अगर हम दुश्मनों के हाथों शहीद न
होतें अर्थात दुश्मन को पछाड़ कर वीर सैनिकों के साथ
आगे बढ़ते और अगर कहीं दुश्मन बर्छी , भालों से भी वार
करता तो सह जाता |
अपनी देश का गान ( जन गण मन ) गाकर एक गाथा
यानी कहानी लिख जाते | कहने का मतलब यह है कि
अगर हम मर जाते तो भी और अगरजीवित रहते तो भी
एक इतिहास रचते |
कवि कह रहा है कि अगर ये सब कर पाते तो हम वीर ,
जाँबाज कहलाते अर्थात हमारी तुलना हिन्दुस्तान के वीर
जवानों से होती|
फिर चाहे जो होता हम  अपना विजयी तिरंगा फहराते  |
  

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