गुरुवार, 7 जून 2018

जिन्दगी में जिसने हमें हँसना सिखाया था(शायरी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:54 am with No comments

उसके चरणों की आहट ने हमें बेकरार कर डाला
सारा जीवन ही उसके लिए हमने बर्बाद कर डाला
वो आयी जिन्दगी में तो सपने खूब देखें हम
हमारी चाहतों का उसी ने खून कर डाला

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चाहतें थी जुदाई की मगर हम बेखबर ही थे
धार ऐसी थी कि इश्क से महरूम कर डाला
हमारी झुकी निगाहों पे भी उसको शर्म न आयी
हँसी भरी जिन्दगी को उसने सून कर डाला 

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जिन्दगी में जिसने हमें हँसना सिखाया था
बेवफा ने उसी से हमको दूर कर डाला
बस नफरत ही भरी थी दिल में उसके
अवनीश के चाहने वालों का भी उसने खून कर डाला

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