रविवार, 22 दिसंबर 2019

तुम्हें इश्क़ का बुखार है क्या | नज़्म । Tumhe Ishk Ka Bukhar Hai kya | Avaneesh Kumar Mishra Mohabbat

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:40 am with No comments
इतनी रात को आए हो कुछ काम है क्या
बुझे - बुझे से लगते हो ज़ुकाम है क्या
ये सर्दी , ज़ुकाम , खांसी सब कहने की बात है
सच! बोलो , तुम्हे इश्क़ का बुखार है क्या

क्यों बोला नहीं जा रहा

किसी ने कस के जकड़ा है क्या
यार हमने तो सिर्फ आपका हाथ पकड़ा है
हाथ भी छुड़ा रही हो और जा भी नहीं रही हो
यार कुछ लफड़ा है क्या

आंखों से लगता है तेरा भी मन कर रहा है

अरे पिछड़ रही हो क्या
अभी छोटी हो इश्क के खेल में
डर रही हो क्या
ये अवनीश हैं जो संभाल रहे हैं खुद को
नखरा वाली झिझक रही हो क्या

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