शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

Ghazal - मयखाने चलो यारों - अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Maykhane Chale Yaron - Avaneesh Ki Ghazal, Shayari

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:35 pm with No comments
उन्हें छोड़कर किस तरह से जिएंगे
मयखाने चलो यारों, हम भी पिएंगे

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें