गुरुवार, 14 जनवरी 2021

मेरी जान इतना मत सताया करो

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:22 am with No comments
मेरी जान इतना मत सताया करो
जहां पर बुलाऊं , आ जाया करो

अंधेरा काटने लगता है तेरे बिन मुझे
बगल में आकर ही दिया बुताया करो

तेरी गलियों में चक्कर लगाता रहता हूं मैं
दीदार के वास्ते दरीचों के पर्दे उठाया करो

अब तो तुम भी नक़ाब में और मैं भी नक़ाब में
चेहरे को छोड़ो आंखो से दिल में उतर आया करो

गुजरता हूं तेरी गलियों से तो दिखती ही नहीं
नीचे नहीं, कपड़े छत पर सुखाया करो

मैं तेरे क़रीब आऊं तो डर मत मोहब्बत की बातें कर
आंखों में एकटक देखो, नज़रें न चुराया करो 

शरारती हूं, ये तुम भी जानती हो
हरकत करूं तो नज़रें न झुकाया करो

ज़माने को कुछ - कुछ शक हो रहा है हम पर
मोहब्बत की बातें हैं, सबसे छुपाया करो

जिंदगी भर साथ दे उसको अपना जिस्म सौंपो लड़कियों
अपनी कीमती जवानी ऐसे न लुटाया करो

रास्ते में आते जाते तुझे कोई परेशां करे मेरी जां
तो आके अवनीश से बताया करो

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