बुधवार, 16 दिसंबर 2020

हवस मिटा सकूं, अब ऐसा कोई इश्क़ चाहिए मुझे । ग़ज़ल । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Avaneesh Ki Ghazal, Shayari

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:09 am with No comments
आजिज़ आ चुका हूं रुहानी मोहब्बत से
हवस मिटा सकूं, अब ऐसा कोई इश्क़ चाहिए मुझे

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