हवस मिटा सकूं, अब ऐसा कोई इश्क़ चाहिए मुझे । ग़ज़ल । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत' । Avaneesh Ki Ghazal, Shayari Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:09 am with No comments आजिज़ आ चुका हूं रुहानी मोहब्बत सेहवस मिटा सकूं, अब ऐसा कोई इश्क़ चाहिए मुझे इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करें Categories: बेवफाई गजल, Avaneesh Ki Ghazal, Avaneesh Ki Shayari
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