सोमवार, 18 अप्रैल 2022

बेरोजगार संकट में । बेरोजगारी सॉन्ग लिरिक्स । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:55 am with No comments
लौंडा जवान हुआ
काजू - बादाम हुआ
अब तो जवानी आई
दिल में उड़ान हुआ
पर घर की हालात देखी
यौवन से बवाल हुआ
नौकरी का फॉर्म भरा
मन कलाजाम हुआ
तारीखों पर तारीखें आई
फ़िर एग्जाम दिया
आया परिणाम ना
खूब परेशान हुआ


आया परिणाम तो 
राजनीति में अटक गया
कोर्ट के चक्कर से 
युवा बेचारा भटक गया


कोर्ट के चक्कर में
उम्र सारी गुज़र गई
मजदूरी करते - करते 
देह की चमड़ी उजड़ गई
अब पत्नी और बच्चे हैं
बाबू, अम्मा गुज़र गई

अवनीश की मानो तो पढ़ाई के साथ - साथ कुछ और भी सीखो, वरना नौकरी खोजते - खोजते कब घास खोजने लगोगे पता नहीं लगेगा। 

कोई ले ले अवतार बेरोजगार संकट में
नौकरी मिली ना अब तक, लेटे मरघट में
करलो मोहब्बत अभी, कच्ची उम्र है
वरना पछताओगे उम्र सरसठ में

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