तू रण्डी थी तू रण्डी है तुझे रण्डी ही रण्डी पुकारेंगे
तूने दर्द दिया मुझे, कोई बात नहीं
जानता हूं तुझमें जज़्बात नहीं
तू मेरे घर की बने बहुरिया
इतनी तेरे बाप की औकात नहीं
तू झोपड़ी में रहती, पर एटीट्यूड तेरा हाई है
और कुछ है नहीं बस सूरत ही पाई है
आता जाता कुछ नहीं बट बकती अंग्रेजी है
इतना इज़्ज़त पाओगी न जितना अवनीश से पाई हो
इस तरह से चूतिया बनाया है तुमने मुझे
अब तुझे रण्डी न कहूं तो और क्या कहूं
तू रण्डी थी तू रण्डी है तुझे रण्डी ही रण्डी पुकारेंगे
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