सोमवार, 18 अप्रैल 2022

Happy New Year 2022 - नए साल मेरी पुकार और व्यथा । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:58 am with No comments
वह तरसती निगाहों से देख रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझसे गुफ़्तगू करना चाहती हो। ये बताना चाहती हो की हम दूर क्यूं हैं? गलती किसकी है? शायद! उसे अपने कुछ फैसलों को लेकर ग्लानि हो रही हो! वो कहना चाहती हो की कोई किसी को इतना टूटकर चाह कैसे सकता है? जितना आप मुझे। कुछ भी हो अंतिम के कईं डिस्टेंस मुलाकातों में ऐसा लग रहा था। मगर समय की दाद देनी पड़ेगी वो हमें बर्बाद कर दिया। इस दिल में जो भी गम है...

बेरोजगार संकट में । बेरोजगारी सॉन्ग लिरिक्स । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:55 am with No comments
लौंडा जवान हुआकाजू - बादाम हुआअब तो जवानी आईदिल में उड़ान हुआपर घर की हालात देखीयौवन से बवाल हुआनौकरी का फॉर्म भरामन कलाजाम हुआतारीखों पर तारीखें आईफ़िर एग्जाम दियाआया परिणाम नाखूब परेशान हुआआया परिणाम तो राजनीति में अटक गयाकोर्ट के चक्कर से युवा बेचारा भटक गयाकोर्ट के चक्कर मेंउम्र सारी गुज़र गईमजदूरी करते - करते देह की चमड़ी उजड़ गईअब पत्नी और बच्चे हैंबाबू, अम्मा गुज़र गईअवनीश की...

अंग से अंग लगाना सॉन्ग लिरिक्स । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:53 am with No comments
काले - काले बाल तेरे गाल लाल - लाल reसेक्सी कमरिया तोरी, जोबना उछाल Reबूढ़े और जवान सब, कहें माल - माल reआजा मेरे पास आजा डाल दूं गुलाल reपिछली बार होली में हुआ था बवाल reजानते हैं सब, कैसे कुआं हुआ ताल reअपनी जवानी का जलवा दिखाओ नकंधे का अपने दुपट्टा संभाल reहोली में सबसे तू रंग क्यों लगवाती होजोबन से तू क्यूं दुपट्टा हटाती होतुम बारिश का पानी हो, सब बरसती होफिर भी अवनीश को क्यूं न भिगाती होमैं जब...

जात रहू तौ ये जान, मार जयतू गोली हो लिरिक्स । Bhojpuri Song । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:49 am with No comments
केकरा से बतिया करी, केकरा से बोली होजात रहू तौ ये जान, मार जयतू गोली होयाद आवे रानी तोहर मीठ - मीठ बतियाफोटो तोहर देखी तो धड़केला छतियाओढ़ना बिछौना लेके जब हम सूतीनींद न आवे हमके सारी - सारी रतियाअईसन लगे खुद से जान आपन लेली होजात रहू तौ ये जान, मार जयतू गोली होजात रहू तौ ये जान, मार जयतू गोली होछोड़के गईलू हमके मुड़के न देखलूबोला तू हमार की, दोसरा के रहलूधोखा तू देहलू यार अवनीश केहम ही तोहर हैं हमरा...

रण्डी ही रण्डी पुकारेंगे । हिन्दी सॉन्ग । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:47 am with No comments
आज भरी महफ़िल में हम इज़्ज़त तेरी उतारेंगेतू रण्डी थी तू रण्डी है तुझे रण्डी ही रण्डी पुकारेंगेतूने दर्द दिया मुझे, कोई बात नहींजानता हूं तुझमें जज़्बात नहींतू मेरे घर की बने बहुरिया इतनी तेरे बाप की औकात नहींतू झोपड़ी में रहती, पर एटीट्यूड तेरा हाई हैऔर कुछ है नहीं बस सूरत ही पाई हैआता जाता कुछ नहीं बट बकती अंग्रेजी हैइतना इज़्ज़त पाओगी न जितना अवनीश से पाई होइस तरह से चूतिया बनाया है तुमने...

किस तरह रोते - रोते रात गुज़र जाती है । नज़्म । अवनीश कुमार मिश्रा 'मोहब्बत'

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:32 am with No comments
क्या बताऊं तेरी याद कितना आती हैकिस तरह रोते - रोते रात गुज़र जाती हैमैं आंखें बंद करके सोना चाहता हूंमगर तेरी सूरत नज़र आती है।मैं क्या करूं किस तरह अपने घांओं पे मरहम लगाऊंमेरा कोई और है भी नहींकि उसी में दिल लगाऊंतुझको भूल जाऊंया फांसी पे झूल जाऊंआखिर कौन सा गुनाह किया है हमनेजो इतनी बड़ी सजा दी है तुमनेतुमने मुझे ये आसरा क्यूं दिया कि अभी रुकोकुछ दिनों में मैं तेरी हो जाऊंगीपागल, जानेजां,...