बुधवार, 8 अप्रैल 2020

New Hindi , Urdu Shayari | चारो ओर मौत की आंधी है हमें घर नहीं सजाना है | CoronaVirus Special | Gareebo Ki Shayari | By Avaneesh

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:54 am with No comments
चारो ओर मौत की आंधी है हमें घर नहीं सजाना है
मैं पहले से ही दुखी हूं खुशियां नहीं मनाना है

जाने कितनों के घर के चिराग बुझ गए 
हमें घर में दिया नहीं जलाना है

चिराग नहीं पैदा हुआ है हमारे घर में ज़नाब
हमें थाली नहीं बजाना है

बाई का ठुमका नहीं जब कहो तब नाचूं
भाईचारा है हममें , दंगा नहीं कराना है

पूरा संसार कराह रहा है बेहिसाब दर्द से
हमें जलसा नहीं मनाना है

है औकात तो मदद करो किसी जरूरतमंद की
हमें किसी के गरीबी का मज़ाक नहीं बनाना है

रहमत करने कोई ईश्वर - खुदा नहीं आयेगा
हम इंसान हैं , हमें इंसानियत निभाना है

जां है जबतक सबकी बातें उठाएंगे "अवनीश"
क्यों ? जब मरेंगे हम तो अर्थी नहीं उठाना है

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