चारो ओर मौत की आंधी है हमें घर नहीं सजाना है
मैं पहले से ही दुखी हूं खुशियां नहीं मनाना है
जाने कितनों के घर के चिराग बुझ गए
हमें घर में दिया नहीं जलाना है
चिराग नहीं पैदा हुआ है हमारे घर में ज़नाब
हमें थाली नहीं बजाना है
बाई का ठुमका नहीं जब कहो तब नाचूं
भाईचारा है हममें , दंगा नहीं कराना है
पूरा संसार कराह रहा है बेहिसाब दर्द से
हमें जलसा नहीं मनाना है
है औकात तो मदद करो किसी जरूरतमंद की
हमें किसी के गरीबी का मज़ाक नहीं बनाना है
रहमत करने कोई ईश्वर - खुदा नहीं आयेगा
हम इंसान हैं , हमें इंसानियत निभाना है
जां है जबतक सबकी बातें उठाएंगे "अवनीश"
क्यों ? जब मरेंगे हम तो अर्थी नहीं उठाना है
मैं पहले से ही दुखी हूं खुशियां नहीं मनाना है
जाने कितनों के घर के चिराग बुझ गए
हमें घर में दिया नहीं जलाना है
चिराग नहीं पैदा हुआ है हमारे घर में ज़नाब
हमें थाली नहीं बजाना है
बाई का ठुमका नहीं जब कहो तब नाचूं
भाईचारा है हममें , दंगा नहीं कराना है
पूरा संसार कराह रहा है बेहिसाब दर्द से
हमें जलसा नहीं मनाना है
है औकात तो मदद करो किसी जरूरतमंद की
हमें किसी के गरीबी का मज़ाक नहीं बनाना है
रहमत करने कोई ईश्वर - खुदा नहीं आयेगा
हम इंसान हैं , हमें इंसानियत निभाना है
जां है जबतक सबकी बातें उठाएंगे "अवनीश"
क्यों ? जब मरेंगे हम तो अर्थी नहीं उठाना है
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