-:-गिफ्ट लाई हो तो सर पर रख दो ना-:-
हमारे बिना रह सकते हो तो रह लो ना
अरे जो अच्छा लगे कर लो ना
क्या नए साल पर प्यार आया है मुझ पर
गिफ्ट लाई हो तो सर पर रख दो ना
नाटक क्यों कर रही हो मन को दबाके
प्यार करना ही है तो बाहों में भर लो ना
ये मुस्कुराओ ना ज्यादा शर्माओ ना
जो कुछ करना है आज ही कर लो ना
अच्छा "अवनीश" ने तुमको टाइम दिया
जाके अच्छे से सज़ के संवर लो ना
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रविवार, 29 दिसंबर 2019
मंगलवार, 24 दिसंबर 2019
Happy New Year Shayari - Kya Main Hi Tere Mohabbat Ka Gunhagar Hoon | Romantic Shayari By Avaneesh Kumar Mishra
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:01 am with No comments
मैं बेक़रार हूं अपना दिल भी बेक़रार करती जा
छोटा है मगर उपहार तो लेती जा
मैं तुम्हारे चेहरे को ख़यालो में संजोए रखता हूं हरदम
तू पलट कर मेरा दीदार तो करती जा
मैं जानता हूं कि तुम्हारे चाहने वाले बहुत हैं मगर
एक बार हमारी आंखों से तकरार तो करती जा
क्या मैं ही तेरी मोहब्बत का गुनहगार हूं
और कौन - कौन है बखान तो करती जा
जा - जा चली जा तू अवनीश के नज़रों के सामने से
पर जो - जो बोला है उसका जवाब तो...
रविवार, 22 दिसंबर 2019
तुम्हें इश्क़ का बुखार है क्या | नज़्म । Tumhe Ishk Ka Bukhar Hai kya | Avaneesh Kumar Mishra Mohabbat
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:40 am with No comments
इतनी रात को आए हो कुछ काम है क्या
बुझे - बुझे से लगते हो ज़ुकाम है क्या
ये सर्दी , ज़ुकाम , खांसी सब कहने की बात है
सच! बोलो , तुम्हे इश्क़ का बुखार है क्या
क्यों बोला नहीं जा रहा
किसी ने कस के जकड़ा है क्या
यार हमने तो सिर्फ आपका हाथ पकड़ा है
हाथ भी छुड़ा रही हो और जा भी नहीं रही हो
यार कुछ लफड़ा है क्या
आंखों से लगता है तेरा भी मन कर रहा है
अरे पिछड़ रही हो क्या
अभी छोटी हो इश्क के खेल में
डर...
रविवार, 24 नवंबर 2019
Hindi Kavita | Han Main Hi Nalayak Tha | Avaneesh Kumar Mishra
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:51 pm with No comments
दुनिया वालों ने छोड़ा मुझको
गुस्सा उनका जायज था
हां मैं ही नालायक था
मेरी धड़कन सांसों को
कोई नहीं समझ पाया
करके मोहब्बत हमने
क्या खोया और क्या पाया
ओ हाई फाई लड़की थी मैं तो देशी ब्वॉयज था
हां मैं ही नालायक था -2
हम सुंदरियों के चक्कर में
अपनों को भी भूल गए
खून का रिश्ता क्या होता है
रिश्तों को भी भूल गए
हां सबने भूला मुझको मैं तो इसी के लायक था
हां मैं ही नालायक था -2
हां पागल हूं मैं
बस यही...
शुक्रवार, 8 नवंबर 2019
Khesari Lal Yadav Per Song | BiggBoss Me Khesari | Salman Bhi Fan Ho Gaye Lyrics | Avaneesh Kumar Mishra
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:27 am with No comments
बिग बॉस में गए खेसारी
ऐसी एंट्री मारी
कि सलमान भी फैन हो गए
हीरो सब बेचैन हो गए
मेरा खेसारी
पड़ गया सबपे भारी
You Are Great Person Of India
मेरा खेसारी
पड़ गया सबपे भारी
घर में जाके उसने ऐसे , ऐसे ठुमके मारी
कि सलमान भी फैन हो गए
हीरो सब बेचैन हो गए
खेसारी जैसा देश में नगीना नहीं है
जितना फेमस हैं ये , करीना नहीं हैं |
फैन बहुत हैं
सलमान ने भी ये मानी
You Are Most Popular Singer Of India
फैन...
सोमवार, 4 नवंबर 2019
New Sad Shayari | दर्द भरी शायरी | वो आलीशान मकां किसका है - अवनीश कुमार मिश्रा
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 9:40 am with No comments

तू है क्या यार तू मुझे रास्ता बताती है
अरे ये वही रास्ता है जहां मेरी सुबह - शाम होती थी
अब बस करना यार और कितना झूठ बोलोगे
हम से कहती हो की किसी और से तो नहीं बोलोगे
सब जानकर तू क्यों अंजान बनती है पगली
ये वही जगह है जहां तेरी - मेरी मुलाक़ात होती थी
इतने दिनों में बड़े किस्से सुने...
मंगलवार, 10 सितंबर 2019
New Sad Shayari "Na Radha Aur Shayam Hain" By Avaneesh Kumar Mishra (Writer , Poet)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 3:53 am with No comments
काहे की खुशी
जब हमारी जिंदगी ही गुमनाम है ,
कुछ ऐसे जी रहा हूँ ,
जैसे राधा बिन श्याम हैं |
न हम प्रेम की गलियों में बदनाम हैं
न राधा और श्याम हैं ,
हम तो इक सताये हुए हैं ,
हमारा तो प्यार भी गुमनाम है |
पता नहीं वो डरती थी या मैं डरता था
वो प्यार करती थी या नहीं,
पर अवनीश प्यार करता था ...
मंगलवार, 2 जुलाई 2019
शायरी
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:28 am with No comments
किसी से बेपनाह मोहब्बत करने का जुनून भी देखा है मैंने
किसी के प्यार में पागल हो जाने का सुरूर भी देखा है मैंने
पता नहीं क्यों लोग नहीं पहचान पाते हैं , बेवफाओं को
ठुकराए जाने के बाद फूट - फूटकर रोते हुए देखा है मैंने ...
रविवार, 10 फ़रवरी 2019
जिसे दिल से चाहा वो तो पत्थर दिल निकली | शायरी | New Hindi , Urdu Shayari | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:03 am with No comments
उसे जब - जब देखता हूँ
बस इक आह निकलती है ,
कि वो हमारी क्यों न हुई |
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पर अब सोंचने से क्या फायदा
शायद हमें ही न था ,
प्यार करने का कायदा |
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हम उन्हें पसंद न थे या वो डरती थी
पता नहीं क्यों वो मुझसे ,
मोहब्बत न करती थी |
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अब किसे इश्क की पड़ी है
जिसे दिल से चाहा वो ,
तो पत्थर दिल निकली |
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दिल...
सोमवार, 28 जनवरी 2019
कैसे सहेंगे जुदाई रे | दर्द भरा हिन्दी गाना | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:49 pm with No comments
मेरे दिल पे छूरी चलाके भाग गई हरजाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
जिस सूरत को देख - देखकर
मन में लड्डू फूटे थे
जिसकी सुन्दर सूरत ने
दिल को मेरे लूटे थे
उस बेवफा ने आज खून की आंसू रुलाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
कैसे सहेंगे जुदाई रे
मुझे तड़पाने की तमन्ना उनके अंदर थी -2
क्योंकि , क्योंकि मेरी जवानी उनके दिल में सरेंडर थी |
जिनकी खुशबू में रहे महकते
वो तो इक हरजाई थी
मेरे सपनों...
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