शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2018

ज़िन्दगी ने हमें इस कदर रुलाया है (शायरी) - अवनीश कुमार मिश्रा

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:10 am with No comments

ज़िन्दगी ने हमें इस कदर रुलाया है
जब - जब ग़म दिया तब - तब भुलाया है
ज़िन्दगी आज हमसे हुई बेवफा है
मौत के नींद में आज हमको सुलाया है |

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हम तो अकेले भी जी लेते
उसने ही हमारे दिल को उकसाया था
और आज , आज वही कहती है
कि तेरे पास कौन आया था ||

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फिर भी हम दर्द सहकर जी लेते
गर उसने हमें फिर बुलाया न होता
सारे शिकवे मिटा देते उनके लिए
अवनीश को अपने आशिक से इस कदर पिटवाया न होता ||

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