पराए तवे पर रोटी सेंकते हैं
चलो इश्क़ करके देखते हैं
सुना है अच्छे - अच्छे लगे हैं उसके पीछे
चलो हम भी मोहब्बत का दाना फेंकते हैं
वो लड़की किसी को भाव तक नहीं देती
सब लौंडे उसके सामने रेंगते हैं
बहुत गुमान उस लड़की को खुद की खूबसूरती पर
चलो हम भी उसकी जवानी का कहर झेलते हैं
कोई लड़की किसी लड़के पर भरोसा इसलिए नहीं करती
बहाना प्यार का करके जिस्म से खेलते हैं
वो अपने ओर आने का इशारा कर रही है
"अवनीश" चलो उसे बाहों में समेटते हैं
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें