शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

New Ghazal Lyrics - मैं वो सांप हूं इक वीरान जंगल का किसी को काट लूं तो लहर ना आए । Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:27 am with No comments
मजबूत इतना बनो की कहर ना आए
तिरपटा चलो कहीं शहर ना आए

मैं वो सांप हूं इक वीरान जंगल का
किसी को काट लूं तो लहर ना आए

तू ही मेरे हर इक मर्ज की दवा है
तू जो घुले तो मुझमें ज़हर ना आए

कर्म इतने अच्छे किए हैं हमने जीवन में
सीधे चलो कहीं बहर ना आए

तेरी जिंदगी तो दरिया है दरिया
सम्भल कर चलो कहीं नहर ना आए

इस क़दर हम तुम समा जाएं इक दूजे में
ज़माना दिया जलाकर देखे तो भी नज़र ना आए

हिम का अंश हो तुम मैं अवगुणों का नाश करता हूं

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें