मेरे मन में जितने भी ख़्वाब थे सब खो गए
अब आप भी सो जाइए सब सो गए
ये निगाहें ही हैं जो क़यामत करती हैं
यार हमारी तो निगाह भी कमजोर हो गए
तुम दिल में समाए फिर ये एहसास हुआ
कि बरसो से वीरान घर में अपने आ गए
अब आप भी सो जाइए सब सो गए
ये निगाहें ही हैं जो क़यामत करती हैं
यार हमारी तो निगाह भी कमजोर हो गए
तुम दिल में समाए फिर ये एहसास हुआ
कि बरसो से वीरान घर में अपने आ गए
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें