शनिवार, 25 जनवरी 2020

Deshbhakti Gazal , Shayari | हमें तो तिरंगे में लिपटने की हसरत है - Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:58 am with No comments
ना मुझे ऊंचे मकानों की हसरत है
ना ही उड़ते विमानों की हसरत है

मैं हिंदुस्तान का बेटा हूं
मुझे तो हिंदुस्तान की हसरत है

वे लोग जो कहते हैं की हिन्दुस्तानी कायर हैं
हमें उन तथाकथित मर्दों से लड़ने की हसरत है

मरते होंगे लोग रुपए , पैसे पर
हमें तो हिंदुस्तान पे मरने की हसरत है

कफ़न तो सभी को नसीब होती है मरने के बाद
हमें तो तिरंगे में लिपटने की हसरत है

अवनीश को समझना इतना आसान नहीं है
जो समझ गए हैं , हमें उनसे मिलने की हसरत है

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