छोट बड़े सब चहक उठे हैं
छोट बड़े सब चहक उठे हैं
चमक उठे घर द्वार
हो ओ वो
चमक उठे घर द्वार
दीपावली त्यौहार
हो ओ वो...
दीपावली त्यौहार
मैंने कहा कि ये मेरी मैया
पापा हम और बैठे भैय्या
बहना कर रही प्यार
हो ओ वो...
बहना कर रही प्यार
दीपावली त्यौहार
हो ओ वो
दीपावली त्यौहार
इस दिन की है खास कहानी
दादा से हम सुने कहानी
अवनीश को अब भी याद
हो ओ वो
अवनीश को अब भी याद
दीपावली त्यौहार
हो ओ वो
दीपावली त्यौ...
शनिवार, 25 जनवरी 2020
Deshbhakti Gazal , Shayari | हमें तो तिरंगे में लिपटने की हसरत है - Avaneesh Kumar Mishra
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 8:58 am with No comments
ना मुझे ऊंचे मकानों की हसरत है
ना ही उड़ते विमानों की हसरत है
मैं हिंदुस्तान का बेटा हूं
मुझे तो हिंदुस्तान की हसरत है
वे लोग जो कहते हैं की हिन्दुस्तानी कायर हैं
हमें उन तथाकथित मर्दों से लड़ने की हसरत है
मरते होंगे लोग रुपए , पैसे पर
हमें तो हिंदुस्तान पे मरने की हसरत है
कफ़न तो सभी को नसीब होती है मरने के बाद
हमें तो तिरंगे में लिपटने की हसरत है
अवनीश को समझना इतना आसान नहीं है
जो समझ गए...
सदस्यता लें
संदेश (Atom)