मुझे अपनी जिन्दगी से दूर कर दो
पर इतना मत दूर कर दो कि हमारी जिन्दगी यूँ ही सुनसान गुजर जाये
अपने दिल से हमें दूर कर दो
पर इतना मत दूर कर दो कि दिल टूटकर बिखर जाये
हमारी जिन्दगी यूँ ही सुनसान कर दो तुम
दिल में हमारे आग लग जायेगी
हमारे दिल के आगों से
तुम्हारा प्यार दिल से जल जायेगी
दिल जला तो आँसू निकल आयेंगे
तेरे दिल में खुशी खूब भर जायेगी
किसीे और से दिल लगा लेगी तुम
अवनीश को याद न...
बुधवार, 20 जून 2018
गुरुवार, 7 जून 2018
जिन्दगी में जिसने हमें हँसना सिखाया था(शायरी)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 12:54 am with No comments
उसके चरणों की आहट ने हमें बेकरार कर डाला
सारा जीवन ही उसके लिए हमने बर्बाद कर डाला
वो आयी जिन्दगी में तो सपने खूब देखें हम
हमारी चाहतों का उसी ने खून कर डाला
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चाहतें थी जुदाई की मगर हम बेखबर ही थे
धार ऐसी थी कि इश्क से महरूम कर डाला
हमारी झुकी निगाहों पे भी उसको शर्म न आयी
हँसी भरी जिन्दगी को उसने सून कर डाला
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जिन्दगी में जिसने...
मंगलवार, 5 जून 2018
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:13 am with No comments

कशमकश करा ता हमरो जवनिया
कोई न टाँका भिड़ावै हो -2
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2
जब से तू गईला तबसे न अईला
तड़पेली मोर जवानी हो
रोजे देखेली तोहरे सपनवा
भईल जवानी मोर पानी हो -2
तोहरे वियोग में ऐ हो बलमुआ कुछू न हमका भावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे...
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