शुक्रवार, 23 मार्च 2018

आशिक को सब कुछ लुटाना पड़ा(शायरी) - अवनीश कुमार मिश्रा

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:21 am with No comments
किसी को आसूँ बहाना पड़ा किसी को जान गंवाना पड़ा मत करना प्यार भाईयो सबको प्यार की कीमत चुकाना पड़ा ××××××××××××××××××××××××××××××× ये जो दुनिया है बड़ी जालिम है आशिक को सब कुछ लुटाना पड़ा हीर रांझां तो बस कुछ नाम हैं लाखों को गर्दन कटाना पड़ा ××××××××××××××××××××××××××××××× इश्क क्या ये तो बहुतो ने किया चन्द लोगों को उसको निभाना पड़ा बस प्यार से जिन्दगी कटती नहीं टुकड़ों के लिए कमाना पड़ा ××××××××××××××××××××××××××××××× अवनीश...

सोमवार, 19 मार्च 2018

गज़ब की आग है (रोमांटिक शायरी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:15 am with No comments
गज़ब की आग है यारों कसम उनकी जवानी में , कोई तो राज है यारों कसम उनकी जवानी में | वो आकर पास में कहती ऐ जान, आग में जल भी जाते हम कसम उनकी जवानी में ...

रविवार, 4 मार्च 2018

क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे(गजल)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:47 am with No comments
क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे - 2 वो तो चली गयी हमें छोड़कर ,|| दो शब्द प्यार के तरस जायेंगे || क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे -2 मतलबों की दुनिया है पता चल गया ,|| चार दिन में सब जन गुजर जायेंगे || क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे -2 वो सुहाने जमाने गुजर ही गयें ,|| फूल राहों में मेरे...