किसी को आसूँ बहाना पड़ा
किसी को जान गंवाना पड़ा
मत करना प्यार भाईयो
सबको प्यार की कीमत चुकाना पड़ा
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ये जो दुनिया है बड़ी जालिम है
आशिक को सब कुछ लुटाना पड़ा
हीर रांझां तो बस कुछ नाम हैं
लाखों को गर्दन कटाना पड़ा
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इश्क क्या ये तो बहुतो ने किया
चन्द लोगों को उसको निभाना पड़ा
बस प्यार से जिन्दगी कटती नहीं
टुकड़ों के लिए कमाना पड़ा
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अवनीश...
शुक्रवार, 23 मार्च 2018
सोमवार, 19 मार्च 2018
गज़ब की आग है (रोमांटिक शायरी)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:15 am with No comments
गज़ब की आग है यारों कसम उनकी जवानी में ,
कोई तो राज है यारों कसम उनकी जवानी में |
वो आकर पास में कहती ऐ जान,
आग में जल भी जाते हम कसम उनकी जवानी में ...
रविवार, 4 मार्च 2018
क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे(गजल)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:47 am with No comments
क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे
इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे - 2
वो तो चली गयी हमें छोड़कर ,||
दो शब्द प्यार के तरस जायेंगे ||
क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे
इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे -2
मतलबों की दुनिया है पता चल गया ,||
चार दिन में सब जन गुजर जायेंगे ||
क्या पता था इश्क में ठोकरें खायेंगे
इस तरह से मोहब्बत की सजा पायेंगे -2
वो सुहाने जमाने गुजर ही गयें ,||
फूल राहों में मेरे...
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