बुधवार, 27 दिसंबर 2017

हम आँसू बहाते रह गये (शायरी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 9:22 pm with No comments

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वो हमें प्यार का मतलब समझाते रह गये
अपनी बाते से हमें उलझाते रह गये -2
दिल क्या होता ऐ मेरे जाने जिगर
बस फिजूल की बाते बताते रह गये -2
हम सनम् चूर थे उनके प्यार में -2
वो बाँहो में आकर चली गयी हम आँसू बहाते रह
गये -2
                 अवनीश कुमार मिश्रा



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