...............................................................
वो हमें प्यार का मतलब समझाते रह गये
अपनी बाते से हमें उलझाते रह गये -2
दिल क्या होता ऐ मेरे जाने जिगर
बस फिजूल की बाते बताते रह गये -2
हम सनम् चूर थे उनके प्यार में -2
वो बाँहो में आकर चली गयी हम आँसू बहाते रह
गये -2
अवनीश कुमार...
बुधवार, 27 दिसंबर 2017
मंगलवार, 26 दिसंबर 2017
जब किसी से प्यार हो जाऐ (शायरी)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:45 am with No comments
...............................................................
कुदरत करे आपको किसी से टकरार हो जाऐ |
उससे मिलने को तुम्हारा दिल बेकरार हो जाऐ ||
तुम्हारे दिल को वो छू ले ऐ मेरे दोस्त |||
हमें भी इत्तला करना
जब किसी से प्यार हो जाऐ ||||
...
बुधवार, 13 दिसंबर 2017
हम चले थे मोहब्बत बाँटने (शायरी) "दर्दीला इश्क" पुस्तक
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:54 pm with No comments
हम चले थे मोहब्बत बाँटने
कुछ बाँटा और कुछ बाँटते ही रहे |
जब आयी बारी अपनी मोहब्बत पाने की
हम अपने सनम को ताकते ही रहे ||
आँखों से आँखें मिली जब कभी ,
डांटती रही वो हम डांट खाते रहे |||
इसका वीडियो देखने के लिए
इस पर क्लिक करें...
सदस्यता लें
संदेश (Atom)