हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम्
क्या - क्या बनेगें और हम बता दो ये सनम्
हम तुम्हारे प्यार में पागल थे कभी
पागल न था पर पागल कहते थे सभी
फिर भी तुम्हारे गलियों में जाता रहा मैं
न पागल हूँ न पागल हूँ बताता रहा मैं
कितनो ने मारा मुझे चप्पल निकालकर
कुछ ने तो मारा मुझे ताने मारकर
पर दिल के मारे बेचारे को दर्द न हुआ
जब तूने मेरे दिल पे चोट दिया तो कह पड़ा कैसा है यह करम्
हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम्
क्या - क्या बनेगें और हम बता दो ये सनम्
कॉलेज की वो शरारतें अब याद आती हैं
धड़कन में ही रहती हैं भूले नहीं भुलाती हैं
यादें क्या होती हैं अब मुझे याद आ गया
पलके झपकता हूँ तो लगता है कोई आ गया
सपने में मैं कभी लम्बे ख्वाबों में खो जाता हूँ
फिर हरे , सुहाने मौसम में तेरी बाहों में सो जाता हूँ
मेरे लिए तेरे प्यार को देखकर अच्छा लगा
क्या पता जो हम देख रहे वो है मेरा भ्रम
हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम्
क्या - क्या बनेंगे और हम बता दो ये सनम्
भूल जाऊँगा सभी वो बीती बातें
भूल जाऊँगा सभी वो बीती रातें
जो जख्म दिया है तुमने उसको भी भूल जाऊँगा
नदी ,नालों में कूद जाऊँगा या फाँसी लगाकर झूल जाऊँगा
तेरे लिए जो कहे तो हद से गुजर जाऊँ
तू जो कहे तो कटार मार के मर जाऊँ
जो कुछ भी हो जाये बेवफा पर तुम्हें खबर नहीं होगी
दिल के मारे अवनीश कुमार मिश्रा कह पड़े मिला ऐसा क्यों जनम्
हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम्
क्या - क्या बनेंगे और हम बता दो ये सनम्
मंगलवार, 26 सितंबर 2017
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