गुरुवार, 28 सितंबर 2017

पीछे हटते नहीं

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 4:07 am with No comments
हमारे देश पर बुरी नजरें टिकाने वालों देश में दहशत फैलाने वालों || -2 हम तो जिगरवाले हिन्दुस्तानी हैं ऐसे गीदड़ भभकी से डरते नहीं हम पहले किसी पर वार करते नहीं और कोई करता है तो पीछे हटते नहीं || -2 Sunny lione HD vid...

मंगलवार, 26 सितंबर 2017

हम अपने भारत को सर्वश्रेष्ठ बनायेंगें

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:31 am with No comments
हम हमारे देश की ऐसी पीढ़ी हैं जो कुछ भी कर जाऐगी अपने देश के लिए चाहे तुम जितना जतन लगाओ चाहे जितना गोली बरसाओ हम तो पीछे नहीं हटेंगें हाँ नहीं हटेंगें सबसे डटेंगें कुछ परिश्रम कर लो तुम कुछ और दूध को पी लो तुम हम नहीं हटेंगे तेरे जैसे कायर से हम नहीं हटेंगे तेरे बन्दूक के फायर से अरे तू क्या जाने दशभक्ति क्या होती है तेरे तो रग - रग में कमीना पन है हमारे यहाँ किताबों में बीतता बचपन है तुम्हारें...

हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम्

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:12 am with No comments
हम तुम्हारे प्यार में क्या - क्या हुये सनम् क्या - क्या बनेगें और हम बता दो ये सनम् हम तुम्हारे प्यार में पागल थे कभी पागल न था पर पागल कहते थे सभी फिर भी तुम्हारे गलियों में जाता रहा मैं न पागल हूँ न पागल हूँ बताता रहा मैं कितनो ने मारा मुझे चप्पल निकालकर कुछ ने तो मारा मुझे ताने मारकर पर दिल के मारे बेचारे को दर्द न हुआ जब तूने मेरे दिल पे चोट दिया तो कह पड़ा कैसा है यह करम् हम तुम्हारे प्यार...

अब चलो कुछ और करें हम |

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:02 am with No comments
बहुत हो चुका ये सब वो सब अब चलो कुछ और करें हम चलो चलो चलो हाँ सभी चलो हम भी , तुम भी , वो भी , ये भी , आप भी चलो न चलो हम उनके याद में कुछ करते हैं जिन्होंने देश आजाद कराया अपना सब कुछ त्यागा जिसने , हमने उनको कर दिया पराया नहीं , ये हम न होंने देंगें हम आज चलेंगे लोगों को बतायेंगें इनकी गौरव कथाओं को फिर चलेंगे इनके समाधि पर कुछ पुष्प , पत्तियाँ चढ़ायेंगें दो - चार पक्तियाँ महानता और गौरव...

अब चलो कुछ और करें हम | देशभक्ति कविता | अवनीश कुमार मिश्रा (लेखक , कवि)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 1:43 am with No comments
बहुत हो चुका ये सब वो सब अब चलो कुछ और करें हम चलो चलो चलो हाँ सभी चलो हम भी , तुम भी , वो भी , ये भी , आप भी चलो न चलो हम उनके याद में कुछ करते हैं जिन्होंने देश आजाद कराया अपना सब कुछ त्यागा जिसने , हमने उनको कर दिया पराया नहीं , ये हम न होंने देंगें हम आज चलेंगे लोगों को बतायेंगें इनकी गौरव कथाओं को फिर चलेंगे इनके समाधि पर कुछ पुष्प , पत्तियाँ चढ़ायेंगें दो - चार पक्तियाँ महानता और गौरव...

हम अपने भारत को सर्वश्रेष्ठ बनायेंगें

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 1:39 am with No comments
हम हमारे देश की ऐसी पीढ़ी हैं जो कुछ भी कर जाऐगी अपने देश के लिए चाहे तुम जितना जतन लगाओ चाहे जितना गोली बरसाओ हम तो पीछे नहीं हटेंगें हाँ नहीं हटेंगें सबसे डटेंगें कुछ परिश्रम कर लो तुम कुछ और दूध को पी लो तुम हम नहीं हटेंगे तेरे जैसे कायर से हम नहीं हटेंगे तेरे बन्दूक के फायर से अरे तू क्या जाने दशभक्ति क्या होती है तेरे तो रग - रग में कमीना पन है हमारे यहाँ किताबों में बीतता बचपन है तुम्हारें...