चलो चलें इतिहास बनायें
चलो चलें इतिहास बनायें
अपने देश से भ्रष्टों को
अपने देश से कष्टों को
अपने देश से आतंकवादी को
अपने देश से नक्सलवादी को
संग मिलकर दूर भगायें
चलो चलें इतिहास बनायें
चलो चलें इतिहास बनायें
अपने देश के शासन को
अपने देश के प्रशासन को
अपने देश की जनता को
अपने देश की महानता को
पूर्ण रूप से शुद्ध बनायें
चलो चलें इतिहास बनायें
चलो चलें इतिहास बनायें
अपने देश की माटी से
कश्मीर...
शुक्रवार, 18 अगस्त 2017
गुरुवार, 17 अगस्त 2017
सनम बेवफा सनम हो गई (शायरी)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:58 pm with No comments
इक दिन जब स्वप्न में तुम मेरी बाहों में सो गई ,
जमाना , रस्म क्या है सब भुला के खो गई |
मैं प्यार से तुमको सनम जानेमन कहा करता था ,
धोखा दिया स्वप्न ने सनम बेवफा सनम हो गई ...
जाँ से भी ज्यादा प्यार है मुझको
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:57 pm with No comments
जाँ से भी ज्यादा प्यार है मुझको , अपने हिन्दुस्तान से
मर जाऊँगा , मिट जाऊँगा या जीता रहूँगा शान से
जाँ से भी ज्यादा प्यार है मुझको , अपने हिन्दुस्तान से |-2
मेरे मन में है देश समाया हुआ
जैसे समाया हो मन में समंदर कोई ,
दिल के हर इक धकड़न में आती हैं यादें
जैसे याद आती हो लड़की सुन्दर कोई -2
हमारे शरीर की सांसे चल रही हैं अपने देश के नाम से
जाँ से भी ज्यादा प्यार है मुझको , अपने हिन्दुस्तान से...
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