बुधवार, 29 मार्च 2017

मैं गरीब हूँ न (कहानी)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:54 am with No comments
रात का वक्त है आकाश में बादल गड़गड़ा रहे हैं मगर पानी नहीं बरस रहा है बिजली चमक रही है | चारो ओर सन्नाटा है भला रात बारह बजे कौन जागे सभी गहरी नींद में सो रहे हैं गाँव के बीचो - बीच में एक झोपड़ी है वहाँ रात बारह बजे भी आवाज आ रही है परन्तु वो आवाज , आवाज नहीं इक तड़पन थी जो हर किसी के पास नहीं होती , कोई उसे पाना भी नहीं चाहता , हाँ मगर देखा बहुतो ने है कुछ ने सिर्फ देखा है कुछ ने अनुभव भी...

शुक्रवार, 3 मार्च 2017

होली का त्यौहार है आया (कविता)

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:41 am with No comments
<a href="https://yllix.com/publishers/825427" target="_blank"><img src="//ylx-aff.advertica-cdn.com/pub/728x90.png" border="0" /></a> var uid = '154756'; var wid = '330588'; var uid = '154756'; var wid = '330588'; होली का त्यौहार है आया | खुशिया झोली भरकर लाया | बच्चो के मन में उल्लास जगा  , अब हम नाचें गायेंगें| वृद्ध ,  जवाँ भी सोंच रहे कि जमकर मौज उड़ायेंगें...