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इश्क करती नहीं मुझे,
तो तेरी आँखे क्यों नम है
मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है
खोया रात भर रहता हूँ ,
तेरे ही सपने हरदम देखा करता हूँ
जब करती नही प्यार मुझसे,दिल को कोसता हूँ
दिल धड़कने लगता है ,
जब तुझको देखता हूँ
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इक बार गौर से देखो ,ये चेहरा क्या हसीन कम है
मैं मर रहा हूँ तेरे याद...
शनिवार, 29 अक्टूबर 2016
सोमवार, 24 अक्टूबर 2016
देश मेरा आजाद हुआ (कविता)"ये वतन" पुस्तक
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 2:30 am with 1 comment
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जब अंग्रेजों का आगाज हुआ ,
तब देश मेरा बर्बाद हुआ
किसान मेरे कंगाल हुए ,
गोरे सब मालामाल हुए
कितनो पर अत्याचार हुए ,
कितनो पर कितने वार हुए
हद से ज्यादा गदर हुए ,
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न जाने वे किस कदर हुए
माँ की गोदी सून हुई ,
पत्नी सिंदूर विहीन हुई |
देश को मेरे लूट लिया था ,
राजाओं में फूट किया था
मेरे पवित्र सी धरती...
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