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ये मेरा देश है
मैं इस देश में रहता हूँ
हिन्दू हो या मुस्लिम या कोई और हो
सभी से मैं कहता हूँ
कि ये हमारा देश है ,
हम इसके बच्चे हैं
दिल के एकदम सच्चे हैं
कोई भी धर्म हो ,
अपनी जगह सब अच्छे है
देश हमारा दानी है ,
हम सब भिखारी हैं
हम तो सिर्फ मुसाफिर हैं ,
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देश हमारी गाड़ी है
देश हमारा पेंड़...
बुधवार, 7 सितंबर 2016
इक कहानी थी (शायरी)
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 6:30 am with No comments
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मैं तेरा राजा था ,
तु मेरी रानी थी |
हम दोनों की इक कहानी थी
जब इश्क की गलियों में मारा मुझे तूने थप्पड़ ,
न मैं तेरा राजा था ,
न तु मेरी रानी थी ||
वो तो स्वप्न की इक कहानी थी |||
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तूने दर्द दे दिया अरे वो बेहया(गजल)दर्द-ए-दिल"किताब"
Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 3:04 am with No comments
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तूने जो दर्द दिया वो सहते गये ,
तेरे चाहत के समुन्दर में बहते गये |
तेरी नफरत के समुन्दर ने ऐसी हिलोर मारी ,
उस समुन्दर के हिलोर में सब चाहते ढहते गये |
दब गया था गम के मलबे में फिर भी जी लिया
तूने दर्द दे दिया , अरे वो बेहया |
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तेरे याद में अपने घर को मैखाना बना ड़ाला ,
शराबों की बोतलों को राहो में सजा ड़ाला...
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