मंगलवार, 5 जून 2018

काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 5:13 am with No comments

कशमकश करा ता हमरो जवनिया
कोई न टाँका भिड़ावै हो -2
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

जब से तू गईला तबसे न अईला
तड़पेली मोर जवानी हो
रोजे देखेली तोहरे सपनवा
भईल जवानी मोर पानी हो -2
तोहरे वियोग में ऐ हो बलमुआ कुछू न हमका भावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

तोहरे यदवा में ऐ मोरे राजा
नीक न लागे खनवा हो
अब तो चले आवा ये मोरे रजऊ
ले लेबा का पिया जनवा हो -2
भूखे - प्यासे मा भइली हम आधा कोई दवाई न लावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2

राइटर अवनीश से कैसे कही
राजा के हमरे बुलाला हो
कहे - - - कि हमरा के अब
कुछू नाही बुझाला हो -2
तोहरा गईला के बाद ये रजऊ देवरा बहुत सतावै हो
काहे नाही मोरे सजनवा
काहे नाही मोरे सजनवा बम्बई से कबहू आवैं हो -2


गीतकार - अवनीश कुमार मिश्रा

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