रविवार, 24 नवंबर 2019

Hindi Kavita | Han Main Hi Nalayak Tha | Avaneesh Kumar Mishra

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 7:51 pm with No comments
दुनिया वालों ने छोड़ा मुझको
गुस्सा उनका जायज था
हां मैं ही नालायक था

मेरी धड़कन सांसों को
कोई नहीं समझ पाया
करके मोहब्बत हमने
क्या खोया और क्या पाया
ओ हाई फाई लड़की थी मैं तो देशी ब्वॉयज था

हां मैं ही नालायक था -2

हम सुंदरियों के चक्कर में
अपनों को भी भूल गए
खून का रिश्ता क्या होता है
रिश्तों को भी भूल गए
हां सबने भूला मुझको मैं तो इसी के लायक था

हां मैं ही नालायक था -2

हां पागल हूं मैं
बस यही पहचान है मेरी
ओ दुनिया वालों मरता हूं मैं
क्योंकि वही जान है मेरी
दिल का सच्चा था मैं तो रोना मेरा जायज था

हां मैं ही नालायक था -2

हां मैं काला कुरूप था
वो विश्व सुन्दरी जैसी थी
पर जैसा भी था मैं
मां मुझे हैंडसम कहती थी
अवनीश के पास नहीं था पैसा  फिर भी दिल ये रॉयल था

हां मैं ही नालायक था -2

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