शुक्रवार, 23 मार्च 2018

आशिक को सब कुछ लुटाना पड़ा(शायरी) - अवनीश कुमार मिश्रा

Posted by अवनीश कुमार मिश्रा on 10:21 am with No comments

किसी को आसूँ बहाना पड़ा
किसी को जान गंवाना पड़ा
मत करना प्यार भाईयो
सबको प्यार की कीमत चुकाना पड़ा

×××××××××××××××××××××××××××××××

ये जो दुनिया है बड़ी जालिम है
आशिक को सब कुछ लुटाना पड़ा
हीर रांझां तो बस कुछ नाम हैं
लाखों को गर्दन कटाना पड़ा

×××××××××××××××××××××××××××××××

इश्क क्या ये तो बहुतो ने किया
चन्द लोगों को उसको निभाना पड़ा
बस प्यार से जिन्दगी कटती नहीं
टुकड़ों के लिए कमाना पड़ा

×××××××××××××××××××××××××××××××

अवनीश कुमार मिश्रा को भी इश्क हुआ
इश्क में फर्ज निभाना पड़ा
जिसको चाहा वो बेवफा निकली
फिर बीती बातों को भुलाना पड़ा |

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें